
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को तनाव बढ़ गया. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्यों ने छत्रपति संभाजीनगर में मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. हंगामा तब और बढ़ गया जब दो विरोधी समूह आमने-सामने आ गए, जिससे पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं. व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की भारी तैनाती करनी पड़ी. वीएचपी और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है. उनका कहना है कि यह कब्र सदियों के उत्पीड़न और अत्याचारों का प्रतीक है, जो उनके शासनकाल के दौरान हुए थे |
उनका तर्क है कि कब्र का अस्तित्व एक अत्याचारी को महिमामंडित करता है. जिसने हिंदुओं का उत्पीड़न किया और मंदिरों को नष्ट किया. वीएचपी के क्षेत्रीय प्रमुख किशोर चव्हाण ने कहा कि ‘औरंगजेब की क्रूरता अच्छी तरह से दर्ज है. उसने अपने पिता को कैद किया, अपने भाइयों को मार डाला और हिंदू मंदिरों को नष्ट करने का आदेश दिया. उसकी कब्र का अस्तित्व केवल उसके अत्याचारों को महिमामंडित करता है, और महाराष्ट्र सरकार को इसे तुरंत हटाना चाहिए.’ नागपुर प्रदर्शन से पहले के दिनों में, इन संगठनों ने सरकार पर कार्रवाई करने का दबाव बनाने के लिए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो वे 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की तरह ‘कारसेवा’ करेंगे |